पेश है निदा फाजली साहब के कुछ चुनिन्दा दोहें :
दिल ने दिल से बात की बिन चिठ्ठी बिन तार
छोटा करके देखिये जीवन का विस्तार
आँखों भर आकाश है बाहों भर संसार
बच्चा बोला देखके मस्जिद आलिशान
अल्लाह तेरे एक को इतना बड़ा मकान
सातो दिन भगवान के, क्या मंगल क्या पीर
जिस दिन सोये देर तक ,भूखा रहे फकीर
जिस दिन सोये देर तक ,भूखा रहे फकीर
चाहे गीता बाचिये या पढ़िये क़ुरान
मेरा तेरा प्यार ही हर पुस्तक का ज्ञान
कुछ और दोहें सुनिए उन्हीं की जुबान से ..... :
सातो दिन भगवान के, क्या मंगल क्या पीर
ReplyDeleteजिस दिन सोये देर तक ,भूखा रहे फकीर
चाहे गीता बाचिये या पढ़िये क़ुरान
मेरा तेरा प्यार ही हर पुस्तक का ज्ञान
बहुत ही कमाल के शायर हैं
सीधा साधा डाकिया.. जादू करे महान..
ReplyDeleteएक ही थैले में भरे आंसू और मुस्कान..
bahut sundar !!!
ReplyDeleteअथाह...
!!!
आनन्द आ गया..आभार.
ReplyDeleteदुःख के सरे पर्वत मधुकर जब सर पर लिए उठाये
ReplyDeleteविष सारे संसार का पीकर नीलकंठ कहलाये
ओम् नमः शिवाय
नरेश 'मधुकर'
very niceeeee superb...
ReplyDeleteनिदा फाज़ली साहेब एक ऐसे शायर है जिनकी नज्में हमेशा इंसान को ताज़ा रखतीं हैं ..जिंदाबाद निदा साहेब
ReplyDeleteबेहतरीन प्रस्तुति...
ReplyDeleteचाहे गीता बाचिये या पढ़िये क़ुरान
मेरा तेरा प्यार ही हर पुस्तक का ज्ञान
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ReplyDeleteExcellent excellent excellent...
ReplyDeleteExcellent excellent excellent...
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